How hindi poetry can Save You Time, Stress, and Money.
माँग माँगकर भ्रमरों के दल रस की मदिरा पीते हैं, दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला।।२६। अधरों पर हो कोई भी रस जिहवा पर लगती हाल
माँग माँगकर भ्रमरों के दल रस की मदिरा पीते हैं, दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला।।२६। अधरों पर हो कोई भी रस जिहवा पर लगती हाल